गुजरात में मूसलधार बारिश और बाढ़ का कहर: 35 लोगों की मौत, 2 हजार को बचाया…………..?
गुजरात में पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही मूसलधार बारिश और बाढ़ ने राज्य को प्रभावित कर दिया है। 29 अगस्त को चौथे दिन भी बारिश का सिलसिला जारी है, जिससे जीवन ठप हो गया है और कई इलाकों में हालात गंभीर हो गए हैं। इस प्राकृतिक आपदा ने अब तक 35 लोगों की जान ले ली है और हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के प्रयास जारी हैं।
बाढ़ और बारिश से तबाही
गुजरात के कई जिलों में लगातार हो रही बारिश ने बाढ़ की स्थिति पैदा कर दी है। राज्य में अब तक 17,800 लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से बाहर निकाला गया है और 2 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। सौराष्ट्र क्षेत्र के देवभूमि द्वारका, जामनगर, राजकोट और पोरबंदर जैसे जिलों में भारी बारिश की सूचना मिली है, जहां 50 से 200 मिमी तक बारिश दर्ज की गई है। विशेष रूप से, देवभूमि द्वारका के भानवद तालुका में 185 मिमी बारिश हुई है।
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राहत और बचाव कार्य
वडोदरा शहर में बारिश थमने के बावजूद, विश्वामित्री नदी में बाढ़ के कारण निचले इलाकों में पानी भरा हुआ है। NDRF, SDRF, सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय तटरक्षक बल की टीमों ने राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाई है।
इन टीमों ने घरों और छतों में फंसे लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। राज्य सरकार के अनुसार, इस मानसून के दौरान अब तक 41,000 से अधिक लोगों को स्थानांतरित किया गया है और 3,000 से अधिक लोगों को बचाया गया है।
जनहानि और क्षति
गांधीनगर के राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने 27 अगस्त को 15 और 28 अगस्त को 4 लोगों की मौत की पुष्टि की है। जिलेवार जानकारी के अनुसार, मोरबी में 4 और राजकोट में 2 मौतें हुई हैं।
आणंद जिले के खाड़ोधी गांव, महिसागर के हरिपुरा गांव, अहमदाबाद के धींगरा गांव और साणंद में दीवार गिरने के कारण लोगों की मौत हुई। भरूच, जूनागढ़, पंचमहल और अहमदाबाद में डूबने की घटनाओं में भी मौतें हुई हैं।
सरकारी और राजनीतिक प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से फोन पर बातचीत कर स्थिति का जायजा लिया और केंद्र सरकार की ओर से सहायता का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने 28 अगस्त को राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राहत कार्यों की समीक्षा की है। राहत कार्यों में सेना और अन्य एजेंसियों की सक्रिय भागीदारी ने स्थिति को नियंत्रित करने में मदद की है।
गुजरात में हो रही इस भीषण बाढ़ और बारिश ने राज्य को संकट में डाल दिया है और राहत कार्यों की गंभीरता को देखते हुए आगे की कार्रवाई पर निगरानी रखी जा रही है।