उत्तर प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक बदलाव की ओर कदम बढ़ रहा है। प्रदेश के महराजगंज जिले के अंतर्गत आने वाली Farenda तहसील को नया जिला बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस प्रस्तावित परिवर्तन के साथ, प्रदेश में कुल जिलों की संख्या 75 से बढ़कर 76 हो जाएगी।
Farenda को जिला बनने की क्या है आवश्यकता?
Farenda, नौतनवा और गोरखपुर की तहसील कैंपियरगंज को मिलाकर एक नया जिला बनाए जाने का प्रस्ताव है। वर्तमान में, महराजगंज जिले का मुख्यालय इन क्षेत्रों से काफी दूर स्थित है। इस वजह से स्थानीय निवासियों को प्रशासनिक सेवाओं के लिए यात्रा करनी पड़ती है, जो कि समय और श्रम की दृष्टि से कठिन है। नए जिले के बनने से क्षेत्रीय लोगों को नजदीक प्रशासनिक सुविधाएं मिलेंगी, जिससे उनकी परेशानियों में कमी आएगी।
रिपोर्ट और आकलन,
राजस्व परिषद ने गोरखपुर और महराजगंज जिलों के जिलाधिकारियों से इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट मिलने के बाद ही इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। पिछले दो वर्षों से यह प्रस्ताव स्थानीय स्तर पर चर्चा में है, लेकिन राजनीति की उलझनों के कारण इसे आगे बढ़ाने में देरी हो रही है।
प्रशासनिक लाभ,
Farenda जिला बन जाता है, तो इससे क्षेत्रीय प्रशासन में सुधार होगा और लोगों को सेवाओं के लिए लंबी यात्रा की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। यह स्थानीय प्रशासनिक तंत्र को और प्रभावी बनाने में मदद करेगा और क्षेत्रीय विकास को प्रोत्साहित करेगा। फरेंदा को नया जिला बनाने का प्रस्ताव प्रशासनिक और विकासात्मक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। इससे स्थानीय निवासियों तक प्रशासनिक सेवाओ को बेहतर ढंग से पहुंचा मिलेगा और प्रशासनिक कार्यों में दक्षता आएगी।
ये भी पढ़ें :-Ghaziabad: एक बार फिर मानवता शर्मसार जूस में पेशाब मिलाकर पिलाता था कस्टमर्स को, पेशाब से भरा हुआ कैंटेनर बरामद।