बरेली-सितारगंज हाईवे भूमि अधिग्रहण में करोड़ों का घोटाला: NHAI के दो अधिकारी सस्पेंड, जांच जारी…………..?
Pilibhit Land Scam Update : उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में बरेली-सितारगंज नेशनल हाईवे के भूमि अधिग्रहण में हुए घोटाले ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इस घोटाले में फर्जी मकान दिखाकर भू-माफियाओं ने PWD और राजस्व विभाग की मिलीभगत से करोड़ों रुपये का हेरफेर किया है।
मामला उजागर होने के बाद NHAI (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर जांच शुरू कर दी है। अब तक दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है, और मामले की जांच अभी जारी है।
कैसे हुआ घोटाला?
इस पूरे घोटाले की शुरुआत 2022 में हुई, जब बरेली से पीलीभीत होते हुए सितारगंज तक जाने वाले नेशनल हाईवे के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हुई। एनएचआई की टीम ने स्थानीय राजस्व विभाग और PWD के साथ मिलकर हाईवे का सर्वे किया।
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इसके बाद 70 किलोमीटर लंबे और 2600 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले हाईवे पर आने वाले ग्रामीण इलाकों की भूमि का मूल्यांकन किया गया।
नियम के अनुसार, भूमि अधिग्रहण का लाभ सीधे उन किसानों को मिलना चाहिए था जिनकी भूमि इस हाईवे के निर्माण में अधिग्रहित की गई। लेकिन हुआ इसका उल्टा। भू-माफियाओं को इस योजना की भनक पहले ही लग गई और उन्होंने किसानों से उनकी जमीनें सस्ते दामों में खरीद लीं। इसके बाद, माफियाओं ने इन जमीनों पर अस्थाई भवन बनाकर करोड़ों का मुआवजा वसूल लिया।
अधिकारियों की मिलीभगत और निलंबन
मामले के उजागर होने के बाद एनएचआई की सर्वे टीम ने स्थानीय जिला प्रशासन के साथ मिलकर जांच शुरू की। शुरुआती जांच में पाया गया कि भूमि अधिग्रहण में कई अवैध निर्माण दिखाए गए हैं। एनएचआई ने अपनी गोपनीयता और नियमावली के खिलाफ लापरवाही बरतने वाले दो अधिकारियों को तत्काल निलंबित कर दिया है।
नगर मजिस्ट्रेट विजय वर्धन तोमर ने बताया कि जांच के दौरान मौके पर कई आर्टिफिशियल स्ट्रक्चर्स (नकली निर्माण) पाए गए, जिससे यह घोटाला सामने आया।
जमीन सौदागरों पर गिरेगी गाज
घोटाले में शामिल भू-माफियाओं की पहचान की जा रही है। सबसे अधिक कृषि योग्य भूमि खंड भगवान दास के नाम पर है। मुआवजा पाने वालों की सूची में कई बड़े नाम सामने आए हैं, जिनमें हिमांशु संगल और धर्मवीर मित्तल जैसे लोगों का नाम शामिल है। इन लोगों ने दिल्ली, लखनऊ, और रुद्रपुर जैसे स्थानों से आकर किसानों से सस्ते दामों में जमीन खरीदी और करोड़ों का मुआवजा वसूल किया।
जांच जारी, बड़ी कार्रवाई की उम्मीद
एनएचआई और जिला प्रशासन की संयुक्त जांच अभी भी जारी है, और कयास लगाए जा रहे हैं कि निष्पक्ष जांच पूरी होने के बाद लखनऊ, रुद्रपुर, और दिल्ली जैसे बड़े भूमि सौदागरों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस घोटाले ने ना केवल प्रशासनिक तंत्र की पोल खोली है, बल्कि यह भी दिखाया है कि कैसे भू-माफिया सरकारी योजनाओं का फायदा उठाकर करोड़ों का खेल करते हैं।