अब सिर्फ दफ्तरों में ही नहीं, खेतों में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की ताकत दिखाई देगी। Indian Agricultural Research Council (ICAR) ने कृषि शिक्षा को बदलते समय की मांग के अनुसार ढालते हुए छात्रों को नई तकनीकों का ज्ञान देने की पहल शुरू की है। इससे न केवल फसलों की पैदावार में इजाफा होगा, बल्कि देश की कृषि को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया जा सकेगा।

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नई शिक्षा नीति: तकनीक और उद्यमिता का मेल,

आईसीएआर ने बीएससी Agriculture के पाठ्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस AI,मशीन लर्निंग और रोबोटिक्स जैसे आधुनिक विषयों को जोड़ा है। इसका मकसद छात्रों को पारंपरिक कृषि से हटकर तकनीक के क्षेत्र में भी मजबूत बनाना है। अब कृषि विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों को मल्टीपल एंट्री और एग्जिट पॉलिसी का भी लाभ मिलेगा, जिससे वे अपनी शिक्षा को अधिक लचीले तरीके से पूरा कर सकेंगे।

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इसके अलावा, यदि छात्र स्नातक की पढ़ाई के बीच में ही शिक्षा छोड़ते हैं, तो वे 10 हफ्ते की इंटर्नशिप के बाद अंडर ग्रेजुएट सर्टिफिकेट या द्वितीय वर्ष के बाद यूजी डिप्लोमा प्राप्त कर सकेंगे। यह पहल छात्रों को शिक्षा के दौरान ही विभिन्न रोजगार और उद्यमिता के अवसरों से जोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

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कम्युनिकेशन स्किल्स और इनोवेशन में सुधार,

डॉ. आरसी अग्रवाल, डिप्टी डायरेक्टर जनरल (कृषि शिक्षा) ने बताया कि कृषि शिक्षा को अब केवल किताबों तक सीमित नहीं रखा जाएगा। छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान के साथ-साथ कम्युनिकेशन स्किल्स में भी सुधार लाने पर जोर दिया जाएगा। इसके जरिए वे बेहतर ढंग से तकनीकी इनोवेशन और उद्यमिता को समझ सकेंगे।

 

छात्रों के प्रोजेक्ट्स को मिलेगा समर्थन,

अब कृषि विश्वविद्यालयों में छात्र खुद से प्रोजेक्ट्स तैयार करेंगे, जिसमें उन्हें ICAR की तरफ से आवश्यक सहायता भी प्रदान की जाएगी। इसके जरिए न केवल उनके तकनीकी ज्ञान में वृद्धि होगी, बल्कि वे कृषि क्षेत्र में इनोवेशन को भी बढ़ावा देंगे।

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AI से होगी कृषि क्षेत्र में नए युग की शुरुआत,

ये बदलाव न केवल छात्रों को आधुनिक तकनीकों से अवगत कराएंगे, बल्कि कृषि को और भी प्रभावी और लाभकारी बनाएंगे। नए विषयों के अध्ययन के साथ-साथ छात्रों को उद्यमिता के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे कृषि क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

https://youtu.be/_tijHjup-gM?si=Ez3j24vY4FjesXqw

यह नई शिक्षा नीति न केवल छात्रों को बेहतर भविष्य के लिए तैयार करेगी, बल्कि देश की कृषि व्यवस्था को भी डिजिटल युग के अनुरूप ढालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। आने वाले समय में यह कदम भारतीय कृषि को वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिलाने का वादा करता है।

 

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