केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में शांति बहाल करने के लिए सरकार की ओर से रोडमैप तैयार किए जाने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच बातचीत का सिलसिला जारी है। साथ ही, भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने का काम भी तेजी से हो रहा है, जिसमें 30 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है।
मुख्य बातें,
अमित शाह ने मणिपुर में शांति स्थापना के लिए मैतेई और कुकी समुदायों के बीच बातचीत पर दिया जोर।
भारत-म्यांमार सीमा पर घुसपैठ रोकने के लिए बाड़ लगाने का काम जारी।
पिछले साल 3 मई से मणिपुर में हुई जातीय हिंसा में 220 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।
मणिपुर में शांति के लिए सरकार की कोशिशें,
अमित शाह ने मंगलवार को बताया कि मणिपुर में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में शांति स्थापना के लिए सरकार मैतेई और कुकी समुदायों से लगातार वार्ता कर रही है। उन्होंने बताया कि भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने का काम जारी है, जो घुसपैठ को रोकने के लिए बेहद जरूरी है।
मोदी सरकार के 100 दिनों की उपलब्धियों पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि मणिपुर में स्थिति सुधारने के लिए सरकार ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) को रणनीतिक रूप से तैनात किया है। उन्होंने यह भी बताया कि मणिपुर में पिछले तीन महीनों में कोई बड़ी घटना नहीं हुई है, सिवाय हालिया तीन दिनों की हिंसा के।
मैतेई और कुकी समुदायों के बीच बातचीत ही समाधान,
अमित शाह ने कहा कि मणिपुर में तब तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकलेगा जब तक वहां के पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले कुकी और घाटी बहुसंख्यक मैतेई समुदायों के बीच संवाद नहीं होगा। उन्होंने भरोसा जताया कि सरकार जल्द ही मणिपुर में स्थिति को नियंत्रित कर सकेगी।
उन्होंने आगे बताया कि भारत-म्यांमार सीमा पर 30 किलोमीटर लंबी बाड़ लगाने का काम पूरा हो चुका है और इसे मणिपुर में हिंसा की जड़ बताया।
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मणिपुर के लोगों के लिए नई सुविधाएं,
अमित शाह ने कहा कि मणिपुर में बाड़ लगाने के अलावा सरकार ने 11 शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनके तहत 10,900 से अधिक उग्रवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं। अब केवल एक संगठन शेष है, जिसे मुख्यधारा में लाने के लिए बातचीत की जा रही है।
इसके अलावा, मणिपुर में 16 नए केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार खोलने का फैसला लिया गया है, जिससे लोगों को उचित दरों पर आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी। पहले से ही राज्य में 21 भंडार संचालित हो रहे थे, लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए इनकी संख्या बढ़ाई जा रही है।
अमित शाह ने बताया कि कुछ समय पहले एक प्रमुख सड़क मार्ग को अवरुद्ध कर दिया गया था, लेकिन अब वह अवरोध हटा दिया गया है। इसके बावजूद, मौजूदा हालात के कारण ट्रांसपोर्टरों को वहां से गुजरने में हिचकिचाहट हो रही थी, इसलिए गरीबों और आम लोगों के लिए इन भंडारों में 100 से अधिक आवश्यक वस्तुएं, जैसे अनाज और अन्य सामान उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
भारत-म्यांमार सीमा की निगरानी,
अमित शाह ने यह भी कहा कि भारत-म्यांमार सीमा पर लोगों की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए ‘फ्री मूवमेंट रेजीम’ (FMR) को खत्म कर दिया गया है। अब म्यांमार और भारत के बीच केवल वीजा के जरिए आवाजाही हो सकेगी, जिससे सीमा पर अवैध गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा सकेगी।
उन्होंने बताया कि 1,643 किलोमीटर लंबी भारत-म्यांमार सीमा, जो मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश से होकर गुजरती है, पर FMR की शुरुआत 2018 में की गई थी, लेकिन अब इसे रद्द कर दिया गया है ताकि सीमा की सुरक्षा और मजबूत हो सके।
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