बांग्लादेश से भारत को सख्त संदेश: ‘दखल ना दें, वरना अंजाम अच्छा नहीं होगा’………..?

हाल ही में बांग्लादेश में हो रही घटनाओं और नई अंतरिम सरकार के गठन के बाद, वहां के होम अफेयर्स एडवाइजर एम. सखावत हुसैन ने भारत को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने भारत को साफ-साफ संदेश दिया है कि वह बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करे।

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भारत को बांग्लादेश के मामलों में दखल नहीं देनी चाहिए- एम सखावत हुसैन. (तस्वीर: PTI)

भारत के लिए संदेश

हुसैन ने कहा कि भारत को यह समझना चाहिए कि बांग्लादेश के मामलों में दखल देना खुद भारत के लिए ही हानिकारक साबित हो सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत पहले ही अपने पूर्वी पड़ोसियों के साथ तनावपूर्ण संबंधों का सामना कर रहा है, और ऐसे में बांग्लादेश के मामलों में हस्तक्षेप से उसे और समस्याएं हो सकती हैं।

 शेख हसीना पर टिप्पणी

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, जो इस समय भारत में हैं, को लेकर भी हुसैन ने टिप्पणी की। उन्होंने हसीना पर मानवता के खिलाफ अपराध करने का आरोप लगाया और कहा कि वे नहीं चाहते कि हसीना भारत में रहें। हुसैन ने यह भी कहा कि भारत सरकार इतनी समझदार है कि वह ऐसी किसी स्थिति में खुद को शामिल नहीं करेगी।

 ‘मदद चाहिए, लेकिन दखल नहीं’

हुसैन ने कहा कि बांग्लादेश भारत की मदद तो चाहता है, लेकिन अपने आंतरिक मामलों में किसी भी प्रकार की दखलअंदाजी नहीं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 21वीं सदी में किसी देश के आंतरिक मामलों में बाहरी हस्तक्षेप आसान नहीं है, और भारत को बांग्लादेश में हुए बदलाव का सम्मान करना चाहिए।

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बांग्लादेश की सड़कों पर पेंटिंग करते बच्चे. (तस्वीर: PTI)

 चुनाव और हिंसा पर हुसैन की प्रतिक्रिया

बांग्लादेश में हो रही हिंसा और आगामी चुनावों पर हुसैन ने कहा कि फिलहाल हिंसा को रोकने और चुनाव कराने की चुनौती है, लेकिन इसके लिए अभी समय लगेगा। उन्होंने यह भी कहा कि शेख हसीना के बांग्लादेश लौटने पर उनके खिलाफ केसों की जांच कराई जाएगी।

भारत की संवैधानिक छवि पर सवाल

हुसैन ने भारत की संवैधानिक छवि पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारत अपने पड़ोसियों के साथ रिश्तों को नुकसान पहुंचा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर भारत इसी तरह अपने पड़ोसियों के मामलों में हस्तक्षेप करता रहा, तो यह उसके लिए नुकसानदेह साबित होगा।

 निष्कर्ष

बांग्लादेश के होम अफेयर्स एडवाइजर एम. सखावत हुसैन की ये सख्त टिप्पणियां बांग्लादेश और भारत के संबंधों में तनाव को उजागर करती हैं। भारत के लिए यह एक स्पष्ट चेतावनी है कि वह अपने पड़ोसियों के मामलों में सतर्क रहे और किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप से बचे।