झारखंड के साहिबगंज में नाबालिग के साथ बलात्कार और आत्महत्या: पंचायत के विवादास्पद फैसले ने उठाए गंभीर सवाल……..?

झारखंड के साहिबगंज जिले में एक नाबालिग लड़की के साथ हुए कथित बलात्कार और उसके बाद की गई आत्महत्या के मामले ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना ने न केवल कानून व्यवस्था पर बल्कि समाज की न्याय प्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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 झारखंड के साहिबगंज में नाबालिग के साथ बलात्कार और आत्महत्या: पंचायत के विवादास्पद फैसले ने उठाए गंभीर सवाल

घटना का विस्तृत विवरण

साहिबगंज जिले के राधा नगर थाना क्षेत्र में 15 अगस्त को एक भयावह घटना सामने आई। आरोप है कि पड़ोस में रहने वाले शाहिद अनवर ने 15 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार किया और उसे जान से मारने की धमकी दी। अगले दिन, आरोपी और उसके परिवार ने पीड़ित परिवार को पुलिस में शिकायत दर्ज न करने की धमकी दी।

https://youtu.be/YmtrEhidlMU?si=GrnMie6WtJsXi06c

पंचायत का विवादित फैसला

18 अगस्त की शाम को इस मामले को पंचायत के सामने पेश किया गया। खबरों के मुताबिक, पंचायत में आरोपी शाहिद अनवर ने अपना अपराध कबूल कर लिया। इसके बावजूद, पंचायत ने आरोपी से 1.35 लाख रुपये मुआवजा वसूलने का फैसला किया, बजाय इसके कि उसे कानून के हवाले किया जाता। पीड़ित परिवार ने इस मुआवजे को लेने से साफ इनकार कर दिया। उसी रात, पीड़िता ने आत्महत्या कर ली, जिससे इस मामले ने एक और दुखद मोड़ ले लिया।

 पुलिस की कार्रवाई और आरोपी की फरारी

पीड़िता की मौत के बाद उसकी मां ने राधा नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के अनुसार, 16 अगस्त को आरोपी ने उनके घर में घुसकर पीड़िता और उसकी मां के साथ मारपीट की थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन आरोपी और उसका परिवार फिलहाल फरार है, और पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है।

 

 

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 राजनीतिक विवाद और राज्य सरकार पर सवाल

इस घटना के बाद राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है। भाजपा के राज्य अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस मामले में राज्य सरकार की निंदा की है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार आरोपी के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने में विफल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड मुस्लिम मोर्चा की सरकार ने इन शर्मनाक घटनाओं पर कभी खुलकर निंदा नहीं की।

मरांडी ने यह भी सवाल उठाया कि आरोपी का पूरा परिवार बिना पुलिस प्रशासन की मिलीभगत और सरकार के संरक्षण के फरार नहीं हो सकता। उन्होंने आदिवासी समाज से अपील की कि वे अपनी बेटियों की इज्जत बचाने के लिए खुद आगे आएं और इस तरह की घटनाओं के खिलाफ खड़े हों।