Lal Bahadur Shastri, भारतीय राजनीति के एक प्रेरणादायक नेता, ने 1965 की भारत-पाक युद्ध के दौरान देशवासियों को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने देशवासियों से एक वक्त का खाना छोड़ने की अपील की, जो न केवल भूख मिटाने की ओर संकेत था, बल्कि राष्ट्र की एकता और समर्पण को भी दर्शाता था।
युद्ध के समय Lal Bahadur Shastri के सामने अमेरिका की चुनौती,
1965 में जब भारत पाकिस्तान के साथ युद्ध में था, तब अमेरिका के राष्ट्रपति लिंडन जॉन्सन ने Lal Bahadur Shastri को एक सख्त चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अगर भारत ने युद्ध बंद नहीं किया, तो अमेरिका द्वारा दी जाने वाली खाद्य सहायता रुक जाएगी। यह धमकी शास्त्री के लिए एक चुनौती बन गई। उन्होंने न केवल अपनी दृढ़ता दिखाई, बल्कि जनता से सहयोग की अपील की।
एकता का संदेश,
शास्त्री ने कहा, “एक वक्त का खाना छोड़ दो, ताकि हमारे सैनिकों को अधिक से अधिक समर्थन मिल सके।” इस अपील ने लाखों भारतीयों को प्रेरित किया। लोग बिना किसी द्विधा के अपने भोजन का त्याग करने के लिए तैयार हो गए। यह एक अद्वितीय उदाहरण था कि कैसे एक नेता की अपील पर पूरा देश एकजुट हो सकता है।
Lal Bahadur Shastri के विचार,
लाल बहादुर शास्त्री के कुछ विचार आज भी प्रासंगिक हैं:
1. सुरक्षा की जिम्मेदारी: उन्होंने हमेशा कहा कि देश की रक्षा केवल सैनिकों का काम नहीं है। हर नागरिक को इस प्रक्रिया में अपनी भूमिका निभानी चाहिए।
2. समाज की एकता: शास्त्री का मानना था कि प्रशासन का मूल उद्देश्य समाज को एकजुट रखना है। एकजुटता से ही विकास संभव है।
3. समाज के सभी वर्गों का ध्यान: उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कोई भी वर्ग समाज में अछूता रह जाता है, तो यह देश के लिए शर्म का विषय होगा।
https://youtu.be/NeEhLNlbhns?si=_Wc13sibGNhtuLzT
निष्कर्ष,
लाल बहादुर शास्त्री की अपील और उनके विचार आज भी हमें प्रेरित करते हैं। उनकी सोच और दृष्टिकोण हमें यह सिखाते हैं कि कठिन समय में एकता और सहयोग सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। हमें उनके आदर्शों को अपनाकर अपने समाज और देश की बेहतरी के लिए काम करना चाहिए। इस प्रकार हम न केवल उनके प्रति सम्मान व्यक्त कर सकते हैं, बल्कि अपने देश को और अधिक मजबूत बना सकते हैं।
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