कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर: एक ब्लूटूथ डिवाइस ने कैसे आरोपी की पोल खोली………….?
कोलकाता के RG कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त की सुबह एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई। चेस्ट मेडिसिन डिपार्टमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के तौर पर काम कर रही एक महिला डॉक्टर का अर्धनग्न शव सेमिनार हॉल में मिला। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि महिला डॉक्टर के साथ पहले यौन दुर्व्यवहार किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई।
कैसे पकड़ा गया आरोपी?
जांच के दौरान पुलिस को घटनास्थल से एक महत्वपूर्ण सुराग मिला—एक ब्लूटूथ हेडफोन। इस हेडफोन ने ही मुख्य आरोपी को पकड़वाने में अहम भूमिका निभाई। पुलिस ने संदेहियों के मोबाइल फोन जब्त किए और उस ब्लूटूथ डिवाइस को उनके फोन से कनेक्ट करने की कोशिश की। तभी संजय रॉय नामक व्यक्ति के फोन से हेडफोन अपने आप कनेक्ट हो गया, जिससे पुलिस का शक यकीन में बदल गया। जब संजय से सख्ती से पूछताछ की गई, तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
कौन है आरोपी?
आरोपी संजय रॉय की पहचान एक नागरिक पुलिस स्वयंसेवक के रूप में हुई है। नागरिक पुलिस स्वयंसेवक का काम निचले स्तर के पुलिस अधिकारियों की मदद करना होता है, खासकर जब अधिकारी अस्पतालों में तैनात होते हैं। संजय रॉय की गतिविधियों पर पहले से ही शक था, और सीसीटीवी फुटेज में भी उसे घटना स्थल के पास संदिग्ध रूप से घूमते हुए देखा गया था।
घटना पर राज्य की प्रतिक्रिया
इस घटना ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस घटना की कड़ी निंदा की और कहा कि उनकी सरकार आरोपियों के लिए मौत की सजा की मांग करेगी। उन्होंने अधिकारियों को इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में करवाने का निर्देश भी दिया है।
घटना के बाद राज्य के कई अस्पतालों के जूनियर डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया और सख्त कार्रवाई की मांग की। इस हादसे ने पूरे चिकित्सा समुदाय को आक्रोशित कर दिया है, और न्याय की मांग जोर पकड़ रही है।
यह घटना ना सिर्फ कोलकाता, बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख देने वाली है। अब देखना होगा कि न्यायिक प्रक्रिया कितनी तेज़ी से आगे बढ़ती है और दोषियों को सज़ा मिलती है या नहीं।