चीन की आक्रामकता से भारत-अमेरिका संबंधों में आई नजदीकी: पूर्व अमेरिकी एनएसए का खुलासा……………..?

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एच आर मैकमास्टर ने हाल ही में अपनी नई किताब ‘ऐट वॉर विद अवरसेल्व्स’ में कुछ महत्वपूर्ण दावे किए हैं।

Us Former Nsa Mcmaster Claim India Open To Unprecedented Cooperation With  Us Because Of Chinese Aggression -the news path  - Us:'चीनी  आक्रामकता के कारण भारत, अमेरिका के साथ सहयोग
चीन की आक्रामकता से भारत-अमेरिका संबंधों में आई नजदीकी: पूर्व अमेरिकी एनएसए का खुलासा

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय सरकार ने चीन की बढ़ती आक्रामकता के चलते अमेरिका के साथ अभूतपूर्व सहयोग करने की इच्छा जताई है। हालांकि, भारत के सामने यह भी चिंता है कि वह अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में फंस सकता है और अमेरिका द्वारा त्यागे जाने का भी खतरा है।https://www.abplive.com/news/world/india-open-to-cooperation-with-us-because-of-chinese-aggression-says-us-ex-nsa-mcmaster-2772048

भारत-अमेरिका संबंधों पर मैकमास्टर की दृष्टि

मैकमास्टर ने अपनी किताब में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के दौरान 14 से 17 अप्रैल 2017 के बीच हुई अफगानिस्तान, पाकिस्तान, और भारत की यात्रा का विस्तृत विवरण दिया है। इस यात्रा के दौरान उन्होंने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, तत्कालीन विदेश सचिव एस जयशंकर, और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मुलाकात की थी। तब जयशंकर विदेश सचिव थे और सुषमा स्वराज विदेश मंत्री थीं।

चीनी आक्रामकता के कारण भारत अमेरिका के साथ 'अभूतपूर्व' सहयोग के लिए तैयार  है: पूर्व एनएसए मैकमैस्ट | रिपब्लिक वर्ल्ड

चीन की आक्रामकता और भारत की रणनीति

मैकमास्टर ने लिखा है कि उनकी मुलाकातों के दौरान चीन की आक्रामकता पर खास जोर दिया गया। जयशंकर और डोभाल ने मुख्य रूप से चीन के बढ़ते खतरे की चर्चा की, जो भारत-अमेरिका के बीच अभूतपूर्व सहयोग का एक प्रमुख कारण बना। भारत को इस बात का डर है कि वह अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में फंस सकता है, जिससे वह दूर रहना पसंद करता है। साथ ही, अमेरिका के ध्यान में कमी और दक्षिण एशिया को लेकर अस्पष्टता के चलते त्यागे जाने का भी खतरा महसूस किया जा रहा है।

 शीतयुद्ध और रूस से संबंध

मैकमास्टर ने यह भी बताया कि भारत का रूस के प्रति अस्पष्ट रवैया उसके शीतयुद्ध के समय गुटनिरपेक्ष आंदोलन की विरासत और हथियारों तथा तेल के स्रोतों के कारण है। यह कारण है कि भारत रूस के साथ अपने संबंधों को संतुलित करने की कोशिश करता है, भले ही अमेरिका के साथ उसके संबंध मजबूत हो रहे हों।

 प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण

अपनी यात्रा के अंतिम दिन, मैकमास्टर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। मोदी ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और स्पष्ट किया कि अमेरिका के साथ संबंधों को गहरा करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने चीन की ‘वन बेल्ट वन रोड’ पहल के विपरीत एक समावेशी और स्वतंत्र हिंद-प्रशांत क्षेत्र की अवधारणा को आगे बढ़ाने पर जोर दिया, ताकि सभी देशों को लाभ हो सके।

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