Google का बड़ा फैसला: थर्ड पार्टी कुकीज़ पर नया नियम, वेब ब्राउज़र पर क्या होगा असर (Google’s big decision: New rule on third party cookies, what will be the impact on web browser?)
Google Chrome: टेक जाइंट गूगल ने अपने क्रोम ब्राउजर में थर्ड पार्टी कुकीज को बनाए रखने का बड़ा फैसला लिया है। कंपनी ने घोषणा की है कि वे क्रोम में एक नया फीचर जोड़ेंगे जो उपयोगकर्ताओं को ब्राउज़िंग करते समय सूचित विकल्प देगा। इस फीचर की मदद से यूजर्स ब्राउज़िंग अनुभव को किसी भी समय एडजस्ट कर सकेंगे। यह फैसला यूजर्स को हैरान कर सकता है, क्योंकि गूगल लंबे समय से क्रोम से कुकीज को हटाने की योजना पर काम कर रहा था।
गूगल ने क्यों लिया ये फैसला?
जानकारी के मुताबिक, विज्ञापनदाताओं को क्रोम से कुकीज हटाने से काफी नुकसान होता। इसका असर गूगल पर भी पड़ता, क्योंकि विज्ञापन से गूगल को सबसे ज्यादा कमाई होती है। कंपनी का कहना है कि क्रोम से कुकीज हटाने से विज्ञापनों को पर्सनलाइज्ड ऐड से जानकारी हासिल करने में परेशानी होगी, जिससे यह सब गूगल के यूजर डेटाबेस पर निर्भर हो जाएंगे। ब्रिटेन में मार्केट अथॉरिटी डिजिटल विज्ञापन में प्रतिस्पर्धा बाधित होने के डर से गूगल की योजना की जांच कर चुका है।
यूरोपीय संघ में GDPR के तहत कुकीज का उपयोग
यूरोपीय संघ में GDPR (General Data Protection Regulation) के तहत कुकीज का उपयोग किया जाता है। यह रेगुलेशन निर्धारित करता है कि पब्लिशर यूजर की इजाजत के बिना कुकीज संग्रहीत न करें। इसके साथ ही प्रमुख ब्राउजर में कुकीज़ को हटाने का ऑप्शन भी दिया गया है।
क्या होती है कुकीज?
कुकी छोटी टेक्स्ट फ़ाइल होती है, जो किसी वेबसाइट द्वारा आपके ब्राउज़र को भेजी जाती है जब आप उस वेबसाइट पर जाते हैं। कुकीज की मदद से, वेबसाइट आपके आने-जाने की जानकारी को याद रख पाती है, जिससे आपके लिए अगली बार उस वेबसाइट को इस्तेमाल करना आसान और ज्यादा मददगार बन सकता है।
गूगल के इस फैसले से यूजर्स को ब्राउज़िंग के दौरान अधिक कंट्रोल मिलेगा और विज्ञापनदाताओं को भी फायदा होगा, जिससे वे पर्सनलाइज्ड ऐड के जरिए अपने लक्षित दर्शकों तक पहुंच सकेंगे।