कूनो में एक और चीते की मौत: पवन का सफर और सवालों से घिरी मौत………?
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में अफ्रीका से लाए गए चीतों में से एक और चीते की मौत हो गई है, जिससे इस परियोजना में मरने वाले चीतों की संख्या आठ हो चुकी है। मृत चीते का नाम पवन था, जिसे सितंबर 2022 में नामिबिया से लाया गया था। पवन कूनो के कर्मचारियों के बीच अपनी खास पहचान बना चुका था, क्योंकि वह बेहद घुमक्कड़ था और बाकी चीतों से काफी अलग व्यवहार करता था।
कैसे हुई पवन की मौत?
27 अगस्त को पवन का शव कूनो नेशनल पार्क में एक झाड़ी में फंसा हुआ पाया गया, जहाँ वह बारिश के पानी से उफनती धारा में बहकर पहुँच गया था। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए चीता प्रोजेक्ट टीम के एक सदस्य ने बताया कि पवन के फेफड़ों में पानी पाया गया, जो उसकी डूबने की ओर इशारा करता है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि एक स्वस्थ और सक्रिय चीता, जो चंबल नदी जैसी बड़ी नदी को तैरकर पार कर चुका था, वह एक छोटे नाले में कैसे डूब सकता है?
https://youtu.be/WKFfkExoCVg?si=O_EUDSNHthO8GZQt
क्या है मौत की असली वजह?
विशेषज्ञों के अनुसार, पवन की मौत को लेकर जहर की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी एनवीके अशरफ ने बताया कि एक स्वस्थ चीता कभी पानी में नहीं बहेगा या डूबेगा जब तक कि बाढ़ जैसी स्थिति न हो। ऐसे में पवन की मौत पर शक जताया जा रहा है कि कहीं उसे जहर तो नहीं दिया गया?
कई विशेषज्ञों का मानना है कि जहर देने के चलते जानवरों को बहुत जोर की प्यास लगती है, जिसके कारण वे पानी की तलाश में नाले या नदी के किनारे पहुँचते हैं। पवन की मौत के पीछे भी जहर का संदेह है, क्योंकि वह जिस नाले के पास मृत पाया गया, वहाँ वह संभवतः पानी पीने गया हो।
पवन की खास पहचान
पवन कूनो में छोड़ा जाने वाला पहला नर चीता था, जिसे मार्च 2023 में जंगल में छोड़ा गया। अपनी आज़ादी का आनंद लेते हुए, पवन ने कूनो के जंगलों में अपनी अलग पहचान बना ली थी। वह नियमित रूप से शिकार करता था और कर्मचारियों के साथ भी घुल-मिल गया था। स्थानीय ग्रामीणों के लिए पवन इस परियोजना की आशा था, क्योंकि वह स्वतंत्र और स्वस्थ था।
जब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक उसकी मौत के असली कारणों का पता नहीं चल सकेगा, लेकिन पवन की इस रहस्यमयी मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।