टेलीग्राम CEO पावेल डुरोव की गिरफ्तारी: जियोपॉलिटिक्स या कुछ और…………..?

टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप के अरबपति संस्थापक और सीईओ पावेल डुरोव को पेरिस के बाहरी क्षेत्र में स्थित बॉर्गेट एयरपोर्ट से शनिवार की शाम गिरफ्तार कर लिया गया। टीएफ वन टीवी के मुताबिक, डुरोव अपने निजी जेट से यात्रा कर रहे थे,

जब उन्हें फ्रांस की पुलिस ने हिरासत में लिया। हालांकि, टेलीग्राम की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे मामले की सच्चाई पर सवाल उठने लगे हैं।

Telegram founder and CEO Pavel Durov arrested at French airport; faces 20 years in prison - the news path
टेलीग्राम CEO पावेल डुरोव की गिरफ्तारी/photo from social media

क्या है गिरफ्तारी का कारण?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टेलीग्राम ऐप से जुड़े एक मामले में पावेल डुरोव को गिरफ्तार किया गया है। फ्रांस पुलिस ने हाल ही में टेलीग्राम पर मॉडरेटर की कमी को लेकर जांच शुरू की थी। पुलिस का मानना है कि मॉडरेटर की कमी के चलते ऐप पर आपराधिक गतिविधियां बेरोकटोक जारी रहीं। डुरोव, जो अजरबैजान से फ्रांस पहुंचे थे, को पुलिस ने एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया।

https://youtu.be/VmKvDKl3WN4?si=0YKOSyqPbGO9rNp5

टेलीग्राम की भूमिका और प्रतिक्रिया

टेलीग्राम, जो युद्ध क्षेत्र और राजनीति के बीच सूचना आदान-प्रदान के लिए सबसे प्रमुख प्लेटफार्मों में से एक है, ने इस गिरफ्तारी पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। फ्रांस के गृह मंत्रालय और पुलिस भी इस मामले पर मौन हैं। साल 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद, टेलीग्राम ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, क्योंकि यह दोनों पक्षों के बीच अनफिल्टर्ड कंटेंट साझा करने का प्रमुख माध्यम बन गया था।

John Scott-Railton on X: "BREAKING: #Telegram CEO Pavel Durov arrested by French authorities. Early official comments to French media suggest this follows from France's displeasure with Telegram's moderation & compliance with official

राष्ट्रपति जेलेंस्की और उनके अधिकारियों के लिए टेलीग्राम प्राथमिक संचार का साधन बन गया है। वहीं, क्रेमलिन और रूसी सरकार भी इस प्लेटफार्म का उपयोग अपने संदेश फैलाने के लिए करती है। हाल के दिनों में, टेलीग्राम उन गिने-चुने प्लेटफार्मों में से एक है, जहां से रूसी-यूक्रेनी युद्ध की जानकारी हासिल की जा सकती है।

टेलीग्राम: एक वैश्विक प्लेटफार्म

टेलीग्राम की स्थापना पावेल डुरोव ने दुबई में की थी, जो मूल रूप से रूस में जन्मे हैं। उन्होंने 2014 में रूस छोड़ दिया था जब उन्होंने अपनी सोशल मीडिया कंपनी पर विपक्षी समुदायों को दबाने की सरकार की मांगों को मानने से इनकार कर दिया था। तब से, टेलीग्राम ने रूस, यूक्रेन और पूर्वी सोवियत संघ के देशों में फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम के बाद सबसे प्रमुख मैसेजिंग ऐप के रूप में अपनी पहचान बनाई है।

क्या है आगे की राह?

पावेल डुरोव की गिरफ्तारी ने वैश्विक तकनीकी जगत में एक नई बहस छेड़ दी है। क्या यह गिरफ्तारी जियोपॉलिटिकल प्रेशर का परिणाम है या टेलीग्राम की मॉडरेशन नीति की कमी के कारण? फिलहाल, इन सवालों के जवाब का इंतजार किया जा रहा है।

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