AI की बढ़ती खपत और पानी के संकट: कैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से हमारी पानी की जरूरतें प्रभावित हो रही हैं……………..?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में क्रांति आ चुकी है, और इसका प्रभाव हर क्षेत्र में महसूस किया जा रहा है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि AI का चलन हमारे पानी की आपूर्ति को भी प्रभावित कर सकता है? यह समझने के लिए हमें थोड़ा गहराई में जाकर देखना होगा कि AI और पानी का क्या संबंध है।
AI और ग्राफिक कार्ड: पानी की खपत का सीधा संबंध
AI तकनीक, विशेष रूप से चैटबॉट्स जैसे कि ChatGPT, को संचालित करने के लिए शक्तिशाली ग्राफिक प्रोसेसिंग यूनिट्स (GPUs) की आवश्यकता होती है। GPU एक विशेष प्रकार की कंप्यूटर चिप होती है जो ग्राफिक्स, वीडियो, 2D और 3D एनिमेशन को तेजी से प्रोसेस करती है। चैटबॉट्स के लिए ये GPUs बेहद महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे डेटा प्रोसेसिंग को तेज और प्रभावी बनाते हैं।
एक उदाहरण के तौर पर, ChatGPT के एक मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए 10,000 GPUs की आवश्यकता पड़ी थी। जब ये GPUs बड़े डेटा सेंटर्स में काम करती हैं, तो काफी मात्रा में ऊर्जा का उपयोग होता है, जिससे गर्मी उत्पन्न होती है।
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पानी की खपत: कैसे AI के लिए ठंडा किया जाता है
बड़े डेटा सेंटर्स में उत्पन्न गर्मी को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन का उपयोग किया जाता है – पानी। डेटा सेंटर्स को ठंडा रखने के लिए चिलर्स जैसे सिस्टम का उपयोग किया जाता है, जिसमें पानी की मदद से तापमान को नियंत्रित किया जाता है।
फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक किलोवाट-घंटा (kWh) ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए लगभग 9 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। इसका मतलब है कि अगर एक चैटबॉट लगातार एक घंटे काम करता है, तो लगभग 9 लीटर पानी की खपत हो जाती है।
जलवायु परिवर्तन और पानी की बढ़ती मांग
AI के बढ़ते उपयोग से डेटा सेंटर्स की पानी की खपत बढ़ रही है। यह स्थिति हमारे जल संकट को और गहरा कर सकती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां पानी की कमी पहले से ही गंभीर समस्या है। टेक कंपनियों के लिए यह चुनौती है कि वे ऊर्जा और पानी की खपत को कम करने के लिए टिकाऊ समाधान खोजें।
उपसंहार: एक संतुलन की आवश्यकता
AI की तेजी से बढ़ती उपयोगिता और डेटा सेंटर्स की बढ़ती पानी की खपत एक गंभीर समस्या है जिसे हमें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह महत्वपूर्ण है कि हम AI तकनीक के लाभों को समझते हुए पानी के संसाधनों की रक्षा करने के लिए ठोस कदम उठाएं। इसके लिए टेक कंपनियों को ऊर्जा दक्षता और पानी के पुनर्चक्रण की दिशा में काम करना चाहिए, ताकि हम भविष्य में जल संकट के प्रभावों को कम कर सकें।