असली की पहचान करना खेती-बाड़ी करने वाले किसान भाइयों के लिए उर्वरक खरीदते समय बेहद जरूरी होता है, क्योंकि सही उर्वरक ही फसल की अच्छी उपज का आधार होता है। लेकिन आजकल बाजार में नकली उर्वरक भी मिलने लगे हैं, जिससे न सिर्फ फसल को नुकसान होता है, बल्कि किसानों को आर्थिक हानि भी होती है। अगर आप भी खेती करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आज हम आपको बताएंगे कि DAP उर्वरक खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और असली की पहचान कैसे कर सकते हैं।
डीएपी क्या है और इसका महत्व,
DAP (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) एक प्रमुख उर्वरक है, जिसका इस्तेमाल फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसमें नाइट्रोजन और फॉस्फोरस जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं, जो पौधों के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं। नाइट्रोजन पत्तियों और तनों की वृद्धि के लिए आवश्यक होता है, जबकि फॉस्फोरस जड़ों के विकास, फूल और फल आने में सहायक होता है। DAP का सही इस्तेमाल फसलों की उपज में बहुत अधिक बढ़ोतरी कर सकता है।
नकली डीएपी से बचने की जरूरत,
नकली DAP उर्वरक न सिर्फ फसल की गुणवत्ता को प्रभावित करता है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी कम कर सकता है। इसके अलावा, इससे किसानों को आर्थिक नुकसान भी होता है। इसीलिए किसान भाइयों को यह जानना जरूरी है कि असली डीएपी की पहचान कैसे की जाए।
असली डीएपी की पहचान कैसे करें?
1. दानेदार और सख्त: असली DAP के दाने सख्त और दानेदार होते हैं। इसे नाखून से आसानी से नहीं तोड़ा जा सकता।
2. रंग: इसका रंग भूरा, काला या बदामी होता है। यह रंग नकली उर्वरक से अलग होता है, इसलिए असली की पहचान आसान होती है।
3. तीक्ष्ण गंध: कुछ दानों को हाथ में लेकर चूना मिलाकर मसलने पर तीक्ष्ण गंध आती है, जिसे सूंघना मुश्किल होता है।
4. आंच पर गर्म करने पर फूल जाते हैं दाने: असली DAP को धीमी आंच पर तवे पर रखने से इसके दाने फूल जाते हैं। यह एक महत्वपूर्ण पहचान है।
उर्वरक खरीदते समय किन बातों का रखें ध्यान?
पक्की रसीद लें: उर्वरक खरीदते समय हमेशा पक्की रसीद लेना न भूलें।
पंजीकृत दुकान से खरीदें: सुनिश्चित करें कि उर्वरक किसी पंजीकृत दुकान से ही खरीदा जाए।
पीओएस (POS) मशीन से खरीदें: उर्वरक खरीदते समय POS मशीन से अंगूठा लगाकर रसीद प्राप्त करना सुनिश्चित करें, ताकि आपकी खरीदारी सही हो।
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नकली उर्वरक से कैसे बचें? करें असली की पहचान
नकली उर्वरक न सिर्फ आपकी फसल को खराब करता है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता को भी नष्ट कर देता है। इसलिए किसानों के लिए यह जरूरी है कि वे डीएपी या कोई भी उर्वरक खरीदते समय सावधानी बरतें और हमेशा पंजीकृत दुकानों से ही उर्वरक खरीदें। इस तरह आप अपनी फसल और अपनी मेहनत को बचा सकते हैं।
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