भारत में मोटे अनाज जैसे बाजरा, ज्वार, रागी, और कोदो के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें निरंतर प्रयासरत हैं। इस दिशा में राजस्थान सरकार ने किसानों को मुफ्त बीज मिनीकिट वितरित कर एक बड़ा कदम उठाया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान, राजस्थान कृषि विभाग ने 7.90 लाख बाजरा और 89 हजार ज्वार के बीज मिनीकिट किसानों को प्रदान किए। इसका उद्देश्य न केवल मोटे अनाज की खेती को प्रोत्साहित करना है बल्कि किसानों की आय में भी सुधार लाना है।

मोटे अनाज
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मोटे अनाज: पोषण और कृषि के लिए वरदान,

मोटा अनाज, जिनमें बाजरा, ज्वार, रागी और कोदो प्रमुख हैं, पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभकारी माने जाते हैं। इनमें प्रोटीन, खनिज, और औषधीय गुण होते हैं जो कुपोषण, मोटापा, हृदय रोग और मधुमेह जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव में मदद करते हैं। वैज्ञानिक भी मानते हैं कि मोटे अनाज का सेवन एक संतुलित और स्वस्थ आहार का हिस्सा होना चाहिए।

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मोटा अनाज की खेती विशेष रूप से उन इलाकों के लिए उपयुक्त है जहाँ सिंचाई के सीमित संसाधन हैं और भूमि कम उपजाऊ है। इसके अतिरिक्त, ये अनाज जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं से निपटने में भी सहायक होते हैं। संयुक्त राष्ट्र ने भी 2023 को अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष घोषित किया है, जिसमें मोटे अनाजों को बढ़ावा देने का आह्वान किया गया है।

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राजस्थान की पहल: किसानों के लिए आर्थिक और पोषण लाभ,

राजस्थान में मोटे अनाज की खेती को लेकर किसानों के बीच जागरूकता तेजी से बढ़ रही है। राज्य में खरीफ 2024 के दौरान 49.60 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मोटा अनाज की बुवाई की गई, जिसमें से 43.04 लाख हेक्टेयर में बाजरा और 6.60 लाख हेक्टेयर में ज्वार की खेती की गई है।

सरकार की इस पहल से राज्य के किसानों को आर्थिक लाभ मिलेगा, साथ ही प्रदेश में मोटा अनाज के उत्पादन और उपयोग में भी वृद्धि होगी। मोटे अनाज के उत्पादन से न केवल कुपोषण जैसी समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि किसानों के जीवन स्तर में सुधार और राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

 

स्वास्थ्य और समृद्धि का संयोजन

मोटा अनाज की खेती से जुड़े ये प्रयास न केवल किसानों की आय बढ़ाने में सहायक हैं, बल्कि ये अनाज ग्रामीण क्षेत्रों में पोषण और स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का भी समाधान प्रस्तुत करते हैं। राजस्थान सरकार की यह पहल मोटे अनाजों के प्रति जागरूकता फैलाने और देश भर में इन्हें बढ़ावा देने के अभियान का हिस्सा है।

इस प्रकार, मोटा अनाज की खेती न केवल खेतीहर समाज के लिए आर्थिक समृद्धि का स्रोत बन रही है, बल्कि स्वस्थ जीवनशैली के लिए भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

 

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