अगर आप भी बच्चों से मोबाइल की लत को छुड़वाना चाहते हैं तो ये वीडियो आपके लिए बहुत ही लाभकारी हो सकता है, क्योंकि आज की डिजिटल दुनिया में बच्चों का मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर बढ़ती निर्भरता चिंता का विषय बन गई है। इस संदर्भ में, उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के MP इंटरनेशनल स्कूल द्वारा अपनाए गए अनूठे अवेयरनेस प्लान ने पूरे क्षेत्र में ध्यान आकर्षित किया है। स्कूल की शिक्षिकाओं द्वारा चलाए गए इस अभियान ने मोबाइल की लत के खतरों के प्रति बच्चों को जागरूक करने के लिए एक प्रभावशाली तरीका अपनाया है।
टीचरों के द्वारा चलाए गए अभियान का उद्देश्य,
MP इंटरनेशनल स्कूल की शिक्षिकाएं बच्चों को मोबाइल की लत से दूर करने के लिए एक विशेष अवेयरनेस प्लान लेकर आई हैं। इस अभियान के तहत एक वीडियो का निर्माण किया गया है जिसमें एक शिक्षिका आंखों पर पट्टी बांधकर रोते हुए नजर आती हैं। शिक्षिका का कहना है कि मोबाइल के अत्यधिक उपयोग से उनकी आंखों से खून आ रहा है। यह दृश्य बच्चों के सामने पेश किया गया जिससे वे भयभीत होकर मोबाइल का उपयोग करने से परहेज करने लगे।
बच्चों से मोबाइल की लत को छुड़वाना, ज्यादा मोबाइल यूज के क्या हैं इसके दुष्परिणाम,
बच्चों के मोबाइल उपयोग से होने वाले नुकसानों की एक लंबी सूची है, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं,
दृष्टि की समस्याएं: मोबाइल स्क्रीन पर लंबे समय तक देखने से बच्चों की आंखों में सूजन, दर्द और दृष्टि संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। यह उनकी दृष्टि को प्रभावित कर सकता है और दूरदृष्टि की समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।
https://youtu.be/gyoWr5NMA9k?si=WFzsX7kCr6fysc5v
नींद की समस्याएं: मोबाइल का अत्यधिक उपयोग सोने के समय पर प्रभाव डालता है। स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी मेलाटोनिन हार्मोन के स्तर को प्रभावित करती है, जिससे नींद की गुणवत्ता कम हो जाती है और नींद की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
संज्ञानात्मक विकास पर असर: मोबाइल से मोबाइल और अन्य डिजिटल उपकरणों का अत्यधिक उपयोग बच्चों के संज्ञानात्मक और सीखने की क्षमताओं पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। यह उनकी ध्यान केंद्रित करने की क्षमता और याददाश्त को कमजोर कर सकता है।
सामाजिक संबंधों में कमी: मोबाइल के अत्यधिक उपयोग से बच्चों की सामाजिक क्षमताओं पर असर पड़ता है। वे वास्तविक दुनिया में सामाजिक संबंधों की बजाय डिजिटल संबंधों पर निर्भर रहने लगते हैं, जिससे उनकी सामाजिक क्षमताएं प्रभावित होती हैं।
शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं: बच्चों से मोबाइल की लत न छुड़वाना शारीरिक गतिविधियों की कमी का कारण बनता है, जिससे मोटापे और अन्य शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। बच्चों की खेल-कूद और शारीरिक गतिविधियां घट जाती हैं, जिससे उनकी कुल फिटनेस प्रभावित होती है।
इस अभियान का प्रभाव,
MP इंटरनेशनल स्कूल का यह अभियान बच्चों को मोबाइल के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करने का एक प्रभावी तरीका साबित हुआ है। शिक्षिकाओं द्वारा प्रस्तुत वीडियो ने बच्चों में भय उत्पन्न किया और उन्हें मोबाइल के उपयोग से परहेज करने के लिए प्रेरित किया। इस अभियान की सफलता ने अन्य स्कूलों और संस्थानों को भी बच्चों में डिजिटल निर्भरता को कम करने के लिए समान प्रकार के जागरूकता अभियानों को अपनाने के लिए प्रेरित किया है।
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