पश्चिम बंगाल विधानसभा ने आज एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ‘अपराजिता महिला एवं बाल सुरक्षा बिल’ को पारित कर दिया है। इस बिल के तहत रेप के दोषियों को 10 दिनों के भीतर फांसी की सजा देने का प्रावधान किया गया है। यह बिल विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन पेश किया गया और इसे दोनों पक्षों का समर्थन प्राप्त हुआ।

अपराजिता
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बिल के प्रमुख प्रावधान:-

 

1. फांसी की सजा: अगर रेप पीड़ित की मौत हो जाती है या वह कोमा में चली जाती है, तो दोषी को फांसी की सजा दी जाएगी।

 

2. उम्रकैद की सजा: रेप और गैंगरेप के दोषियों को पैरोल के बिना उम्रकैद की सजा मिलेगी।

 

3. जल्द जांच प्रक्रिया: रेप मामलों की जांच 21 दिनों में पूरी करनी होगी, जिसे 15 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है।

 

4. अपराजिता टास्क फोर्स: हर जिले में एक अपराजिता टास्क फोर्स बनाई जाएगी, जिसका नेतृत्व DSP स्तर के अधिकारी करेंगे।

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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बयान,

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस अपराजिता महिला एवं बाल सुरक्षा बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि विपक्षी नेताओं ने इस्तीफे की मांग की, लेकिन उन्होंने केंद्र सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने कोलकाता को सबसे सुरक्षित शहर बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि “हम रेप के दोषियों के लिए मौत की सजा चाहते हैं। विपक्ष के नेता संशोधन की मांग कर रहे हैं, लेकिन मैं चाहती हूं कि राज्यपाल इस बिल पर साइन करें। यह ऐतिहासिक बिल है।”

 

बिल लाने के कारण:

 

कोलकाता में हुए हालिया रेप केस के बाद भारी विरोध प्रदर्शन हुआ था। इसी के चलते TMC सरकार ने इस बिल को पेश करने का निर्णय लिया था।

 

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