डॉक्टर रेप-मर्डर केस: IMA ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की सदस्यता सस्पेंड की, जानिए कारण……………?

कोलकाता के RG Kar मेडिकल कॉलेज में एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में विवादों के घेरे में आए पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कड़ी कार्रवाई की है। IMA ने उनकी सदस्यता को सस्पेंड कर दिया है, जिससे यह मामला अब मेडिकल और कानूनी जगत में सुर्खियों में बना हुआ है।

Sandeep Ghosh, RG kar
डॉक्टर रेप-मर्डर केस: IMA ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की सदस्यता सस्पेंड की, जानिए कारण

 IMA की कार्रवाई

IMA ने अपने अनुशासनात्मक समिति के फैसले के तहत डॉ. संदीप घोष की सदस्यता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। IMA के सेक्रेटरी जनरल डॉ. अनिल कुमार ने जारी किए गए सस्पेंशन ऑर्डर में लिखा:

“IMA बंगाल की राज्य शाखा और डॉक्टरों के अन्य संगठनों ने डॉ. संदीप घोष को पेशे को बदनाम करने वाला बताया है। उनकी कार्रवाई की मांग की गई थी, जिसके तहत अनुशासनात्मक समिति ने सर्वसम्मति से आपको IMA की सदस्यता से निलंबित करने का निर्णय लिया है।”

https://youtu.be/_gN8crgw6Gs?si=r2eukN7p_RDjEtF1

इस पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि IMA के नेशनल प्रेसीडेंट डॉ. आर वी अशोकन की तरफ से गठित अनुशासन समिति ने पीड़िता के परिजनों से मुलाकात की थी। डॉ. घोष पर आरोप है कि उन्होंने मामले में सहानुभूति और संवेदनशीलता का अभाव दिखाया।

केस का विवरण और डॉ. घोष की स्थिति

9 अगस्त को RG Kar मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 साल की पीजी ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था, जो इस मामले को लेकर बड़ा विवाद उत्पन्न कर गया। इसके बाद, डॉ. संदीप घोष को 12 अगस्त को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।

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केस का विवरण और डॉ. घोष की स्थिति

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अब डॉ. घोष पर सीबीआई (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच की तलवार लटक रही है। CBI ने कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर इस मामले की जांच शुरू की थी। पिछले 10 दिनों में CBI ने डॉ. घोष से 100 घंटे से अधिक की पूछताछ की है।

उनके खिलाफ अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप भी लगाए गए हैं। इसके साथ ही CBI ने डॉ. घोष के घर और अन्य स्थानों पर छापेमारी भी की है।

विरोध और प्रतिक्रिया

इस मामले ने मेडिकल समुदाय में व्यापक प्रतिक्रिया उत्पन्न की है। IMA की कार्रवाई ने न केवल संदीप घोष की सदस्यता को निलंबित किया है बल्कि इस मामले की संवेदनशीलता को भी उजागर किया है। इस घटनाक्रम ने मेडिकल जगत में नैतिकता और जिम्मेदारी की महत्वपूर्णता को भी रेखांकित किया है।

डॉ. संदीप घोष की सदस्यता सस्पेंड करने के साथ-साथ IMA ने इस बात पर भी जोर दिया है कि चिकित्सा पेशेवरों को समाज के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता का पालन करना चाहिए। इस घटना ने कानून और चिकित्सा पेशेवरों के बीच एक नई बहस को जन्म दिया है, जो आने वाले समय में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।

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