ज्येष्ठ मराठी अभिनेते विजय कदम का निधन: रंगभूमि से लेकर टीवी और फिल्मों तक का सफर
ज्येष्ठ मराठी अभिनेते विजय कदम का आज सुबह मुंबई के अंधेरी स्थित उनके निवास पर निधन हो गया। वे पिछले कुछ सालों से कैंसर से जूझ रहे थे। उनकी उम्र 67 साल थी। उनकी अदाकारी ने मराठी रंगमंच, टीवी सीरियल्स और फिल्मों में एक अनोखी पहचान बनाई थी।
विजय कदम ने अपने करियर की शुरुआत रंगमंच से की थी और 1980-90 के दशक में मराठी रंगभूमि पर अपनी अद्वितीय भूमिकाओं से खास पहचान बनाई। ‘टूरटूर’, ‘विच्छा माझी पुरी करा’, ‘पप्पा सांगा कुणाचे’ जैसे प्रसिद्ध नाटकों में उनके अभिनय को खूब सराहा गया। उन्होंने अपनी अभिनय प्रतिभा को न केवल रंगमंच तक सीमित रखा, बल्कि टीवी और फिल्मों में भी अपनी छाप छोड़ी।
विजय कदम को दर्शकों ने विशेष रूप से एक हास्य अभिनेता के रूप में पसंद किया। उनकी कॉमिक टाइमिंग और बेहतरीन संवाद अदायगी ने उन्हें मराठी इंडस्ट्री में एक अलग पहचान दिलाई। उन्होंने मराठी सिनेमा के कई प्रसिद्ध फिल्मों में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई, जिनमें ‘तेरे मेरे सपने’, ‘इरसाल कार्टी’, ‘दे दणादण’, ‘दे धडक बेधडक’, और ‘हळद रुसली कुंकू हसलं’ जैसी फिल्मों में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
उनकी अंतिम टीवी उपस्थिति ‘ती परत आलीये’ नामक सीरियल में थी, जहां उन्होंने अपनी अदाकारी से दर्शकों का दिल जीता। विजय कदम का निधन मराठी सिनेमा और रंगमंच के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके परिवार में उनकी पत्नी और एक बेटा है। उनका अंतिम संस्कार आज दोपहर अंधेरी के ओशिवरा श्मशानभूमि में किया जाएगा।
विजय कदम की अनुपस्थिति में मराठी सिनेमा और रंगमंच में एक खालीपन सा महसूस होगा, जिसे भर पाना मुश्किल है। उनकी अदाकारी और जीवन के प्रति उनके जज्बे को हमेशा याद किया जाएगा।