हाल ही में, इजरायली एयरफोर्स ने यमन के होदेइदाह और रास इस्सार क्षेत्रों में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हवाई हमले किए। इस हमले में चार लोगों की जान चली गई और 30 से अधिक लोग घायल हुए। यह कार्रवाई ऐसे समय में की गई है जब हूती विद्रोहियों द्वारा इजरायल पर किए गए हालिया हमलों का जवाब देने का निर्णय लिया गया था।
हमले का उद्देश्य,
इजराइल ने इन हमलों के माध्यम से हूती विद्रोहियों के द्वारा उपयोग किए जा रहे महत्वपूर्ण ठिकानों, जैसे कि पावर प्लांट और बंदरगाह को निशाना बनाया। ये स्थान सैन्य आपूर्ति, तेल, और ईरानी हथियारों की तस्करी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। होदेइदाह बंदरगाह पर इजरायल का यह पहला हमला नहीं है, बल्कि पहले भी यहां बमबारी की जा चुकी है।
हवाई हमलों की रणनीति,
इजरायल ने अपने हवाई हमलों के लिए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया, जिससे 1800 किलोमीटर दूर स्थित लक्ष्य पर सटीकता से हमला करना संभव हुआ। इजरायली सेना का दावा है कि इस प्रकार के हमले उनके पास मौजूद सटीक मिसाइलों के कारण संभव हो पाए हैं।
हूती विद्रोहियों की स्थिति,
हूती विद्रोही यमन के उत्तरी हिस्से में सक्रिय हैं और उन्हें ईरान से भारी मात्रा में सैन्य सहायता मिलती है। यह सहायता अत्याधुनिक ड्रोन, बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों के रूप में आती है। हूती विद्रोही, अपने स्थान के कारण लाल सागर के माध्यम से गुजरने वाले जहाजों पर हमले करने में सक्षम हैं।
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इजरायल का सन्देश,
इजरायली सेना ने स्पष्ट किया है कि वह क्षेत्र में किसी भी प्रकार के खतरे को समाप्त करने के लिए कार्रवाई करती रहेगी। आईडीएफ ने यह भी कहा कि वे उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे जो इजरायली नागरिकों के लिए खतरा पैदा करते हैं, चाहे वे कितनी भी दूर क्यों न हों।
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