भारत और अमेरिका समेत दुनियाभर के शेयर मार्केट क्रैश का आखिर कौन है? जिम्मेदार,उसको क्या है फायदा?
(Who is responsible for the stock market crash in India and America? What is his benefit?)
अमेरिका समेत पूरी दुनिया इस समय भारी आर्थिक मंदी से जूझ रहीं है, इसी के चलते अमेरिका समेत भारत और पूरी दुनिया के शेयर मार्केट में एक भूचाल सा मचा हुआ है, जिसमे निवेशकों के लाखों करोड़ों रुपया एक ही झटके में डूब गया।
बात करें अमेरिका के शेयर मार्केट की तो यह एक महीने पहले तक अपने ऑल टाइम हाई पर कारोबार कर रहा था, इसका प्रभाव पूरी दुनिया पर था जिससे सभी देशों के शेयर मार्केट अपने हाई पर चल रहे थे जिसके निवेशकों ने खूब निवेश किया और पैसे बनाए।
लेकिन कुछ अचानक से कुछ ऐसा होता है जिससे निवेशकों के होश उड़ा दिए, अमेरिका समेत दुनिया भर के शेयर बाजारों में एक ऐसा भूचाल आया जिसमें निवेशकों के लाखों करोड़ों रुपए एक साथ डुबो दिये।
और इस क्रैश का कारण दुनिया के 7वे सबसे अमीर व्यक्ति और बर्कशायर हैथवे (Berkshire Hathaway के चेयर पर्सन, अमेरिकी अरबपति दिग्गज निवेशक वॉरेन बफे (Warren Buffett) को लोग इस पूरे घटनाक्रम के केंद्र में देख रहें हैं।
दुनियाभर के आर्थिक जानकार यह कह रहे हैं की विश्व में ऐसे बहुत ही कम लोग है जिन्होंने वॉरेन बफे (Warren Buffett) जैसे शेयर मार्केट में निवेश करके रुपिया बनाया होगा। और इस समय उनको विश्व में आने वाली आर्थिक मंदी का डर सता रहा है।
जिसके चलते उन्होंने सभी कम्पनियों में किए निवेश को अब कैश के रूप में जमा करने का आदेश दिया है। जिसके चलते उनके द्वारा एप्पल और अन्य कंपनियों में किए गए निवेश में अपने शेयरों को बेचने का निर्णय किया है।
इसी के चलते उन्होंने अभी कुछ दिन पहले बैंक ऑफ अमेरिका ( BANK of america) की हिस्सेदारी भी बेची थी और उसके शेयरों में काफी गिरावट देखने को मिली थी। और अब उन्होंने अपनी एप्पल की भी हिस्सेदारी लगभग 50% तक बेच दि है
और उसको कैश के रूप में जमा कर लिया है।जिसके प्रभाव से दुनियाभर के स्टॉक मार्केट में गिरावट का खौफ बढ़ जाता है। और वॉरेन बफे (Warren Buffett) इसके केंद्र में होते पाए जा रहे हैं।
वॉरेन बफे (Warren Buffett) पास लगभग 277 अरब डॉलर कैश है। और रुपये में बात करें, तो लगभग 25 ट्रिलियन रुपिया होता है, वह अमेरिका समेत विश्व में बडी बडी कंपनियों में अच्छी- खासी होल्डिंग भी रखते हैं। और वह अपने इस अकूत नकदी भंडार से बड़ी कंपनी के शेयरों में उछाल या गिरावट ला सकते हैं और कुछ हद तक शेयर मार्केट को कंट्रोल कर सकते हैं।