आज से शारदीय नवरात्रि की पावन शुरुआत हो चुकी है, जो देवी मां दुर्गा की उपासना का महापर्व है। इस दौरान भक्त श्रद्धा के साथ मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं। इस पर्व का प्रमुख हिस्सा कलश स्थापना है, जो पूजा का आधार बनता है। आइए जानते हैं कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त और इसके महत्व के बारे में।

कलश स्थापना
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कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त,

नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना का महत्व बहुत अधिक होता है। इस साल, कलश स्थापना के लिए दो विशेष मुहूर्त हैं:

 

1. पहला मुहूर्त: सुबह 7:07 बजे तक

2. दूसरा मुहूर्त: सुबह 11:34 से दोपहर 12:21 बजे तक

 

 

इन समयों में कलश स्थापना करने से पूजा का फल और भी बढ़ जाता है।

 

कलश स्थापना का महत्व

 

1. नकारात्मक ऊर्जा का नाश,

कलश स्थापना के द्वारा घर में नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। यह सकारात्मकता और शांति का माहौल बनाता है।

 

2. सुख-समृद्धि का प्रतीक,

कलश को सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। घर में कलश स्थापित करने से धन और खुशहाली आती है।

कलश स्थापना
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3. भक्तिमय वातावरण,

कलश की स्थापना से घर में एक भक्तिमय वातावरण बनता है, जिससे पूजा में मन लगाना आसान हो जाता है।

 

4. स्वास्थ्य लाभ,

यदि घर में बीमारियां हों, तो नारियल के साथ स्थापित कलश उन बीमारियों को दूर करने में मदद करता है।

 

5. विघ्नों का नाश,

कलश को भगवान गणेश का रूप माना जाता है, जिससे किसी भी कार्य में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।

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व्रत के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें,

 

अगर आप इस बार नवरात्रि का व्रत पहली बार रख रहे हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें:

 

स्वच्छता का पालन: पूजा से पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।

 

खान-पान: रागी, सिंघाड़ा, आलू, ड्राई फ्रूट्स, मूंगफली और सेंधा नमक का सेवन करें। लहसुन और प्याज से बचें।

अन्य नियम: 9 दिनों तक बाल और नाखून न काटें। पूजा में लाल फूल अर्पित करें और सुबह-शाम आरती करें।

 

सकारात्मक भाषा का प्रयोग: अपशब्दों का प्रयोग न करें।

 

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