ब्रिटिश अखबार मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकी संगठन अलकायदा के पूर्व प्रमुख ओसामा बिन लादेन का बेटा हमजा बिन लादेन जिंदा है और अफगानिस्तान में अपने संगठन को दोबारा खड़ा कर रहा है। हमजा, जिसे ‘आतंक का राजकुमार’ कहा जाता है, गुप्त रूप से अलकायदा का नेटवर्क फैलाने में जुटा हुआ है और पश्चिमी देशों पर नए हमलों की साजिश रच रहा है।
अमेरिकी दावे के विपरीत,जिंदा है हमजा
2019 में, अमेरिकी सरकार ने दावा किया था कि एक हवाई हमले में हमजा मारा गया था। उस वक्त राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इसकी पुष्टि की थी। लेकिन मिरर की ताजा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हमजा न केवल जिंदा है, बल्कि वह अपने भाई अब्दुल्ला बिन लादेन के साथ मिलकर अलकायदा के नेटवर्क को पुनर्जीवित कर रहा है।
हमजा की सुरक्षा और ठिकाना,
मिरर की रिपोर्ट, जो कि तालिबान विरोधी संगठन नेशनल मोबिलाइजेशन फ्रंट (NMF) की खुफिया जानकारी पर आधारित है, बताती है कि हमजा उत्तरी अफगानिस्तान में छिपा हुआ है। उसकी सुरक्षा के लिए 450 स्नाइपर्स हमेशा तैनात रहते हैं। हमजा की प्रमुख गतिविधियां पंजशीर के दारा अब्दुल्ला खेल जिले में देखी जा रही हैं, जहां अरब और पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मी उसकी रक्षा कर रहे हैं।
तालिबान और हमजा का गठजोड़,
NMF की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद से अफगानिस्तान आतंकवादियों के लिए ट्रेनिंग सेंटर का अड्डा बन चुका है। 34 वर्षीय हमजा का तालिबान के वरिष्ठ नेताओं के साथ मजबूत रिश्ता है, और तालिबान न केवल उसके परिवार को सुरक्षा दे रहा है, बल्कि अफगानिस्तान में उसके नेटवर्क को फैलाने में भी मदद कर रहा है। हमजा ज्यादातर समय काबुल से करीब 100 किलोमीटर दूर जलालाबाद में बिताता है, जहां उसके तालिबानी नेताओं से मुलाकातें होती रहती हैं।
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अलकायदा का विस्तार और पश्चिमी देशों पर खतरा,
मिरर की रिपोर्ट बताती है कि अलकायदा ने अफगानिस्तान में 10 ट्रेनिंग सेंटर स्थापित कर लिए हैं, जहां अन्य आतंकी संगठनों से गठजोड़ किया जा रहा है। इन संगठनों का लक्ष्य पश्चिमी देशों पर हमले करना है। माना जा रहा है कि हमजा इन सभी गतिविधियों का नेतृत्व कर रहा है और भविष्य में पश्चिमी देशों पर बड़े हमलों की योजना बना रहा है।
अलकायदा का इतिहास और 9/11 का दर्दनाक हमला,
अलकायदा का नाम सुनते ही 11 सितंबर 2001 को अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए आतंकी हमले की यादें ताजा हो जाती हैं। इस हमले में अलकायदा ने चार विमान हाईजैक किए थे, जिनमें से तीन विमान अमेरिका की प्रमुख इमारतों में क्रैश किए गए थे। इस घटना में 93 देशों के करीब 3,000 लोग मारे गए थे। इस हमले का मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन था, जिसे 2 मई 2011 को पाकिस्तान के एबटाबाद में अमेरिकी नेवी सील कमांडोज़ ने एक ऑपरेशन में मार गिराया था।
तालिबान की शरण में आतंकी संगठन,
तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद से अफगानिस्तान एक बार फिर आतंकी संगठनों का गढ़ बनता जा रहा है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अलकायदा के अलावा, अफगानिस्तान में 21 अन्य आतंकी संगठनों के ट्रेनिंग सेंटर भी सक्रिय हैं। ये सभी संगठन पश्चिमी देशों के खिलाफ हमलों की तैयारी में लगे हुए हैं।
हमजा बिन लादेन का जीवित रहना और अफगानिस्तान में अलकायदा का दोबारा संगठित होना एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय खतरा है। अगर यह नेटवर्क पश्चिमी देशों पर हमले करता है, तो यह वैश्विक सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती बन सकता है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अलकायदा और हमजा बिन लादेन की गतिविधियों पर कड़ी नज़र रखने की जरूरत है।
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