ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने बच्चों की सोशल मीडिया उपयोग पर एक महत्वपूर्ण कदम उठाने का निर्णय लिया है। एक रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार फेसबुक, इंस्टाग्राम और टिकटॉक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बच्चों के लिए न्यूनतम उम्र सीमा 14 से 16 साल तक तय करने पर विचार कर रही है। इस पहल का उद्देश्य बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की सुरक्षा करना है।
इस कानून का उद्देश्य बच्चों को सोशल मीडिया के संभावित खतरों से बचाना और उनके समग्र विकास को सुनिश्चित करना है। माता-पिता और शिक्षकों को भी इस नई नीति के बारे में जागरूक किया जाएगा ताकि वे बच्चों को डिजिटल दुनिया के सुरक्षित उपयोग के बारे में सही दिशा-निर्देश दे सकें।
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बच्चों में मोबाइल की लत: एक बड़ी समस्या,
आजकल के दौर में बच्चों के लिए स्मार्टफोन एक आम चीज बन गई है। मोबाइल पर गेम्स खेलना, वीडियो देखना और सोशल मीडिया का उपयोग अब बच्चों की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। यह आदतें कई बार लत का रूप ले लेती हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई और शारीरिक गतिविधियां प्रभावित होती हैं। कई माता-पिता अपने बच्चों को शांत रखने के लिए मोबाइल थमाते हैं, जो धीरे-धीरे एक आदत से लत में बदल जाती है।
बच्चों पर सोशल मीडिया का दुष्प्रभाव,
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का अत्यधिक उपयोग बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जैसे,
1. मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं: सोशल मीडिया पर लगातार स्क्रॉल करने से बच्चे अवसाद और चिंता का शिकार हो सकते हैं। प्लेटफॉर्म्स पर मिलने वाली नकारात्मक प्रतिक्रियाएं और तुलना की आदतें बच्चों की आत्ममूल्यता को प्रभावित कर सकती हैं।
2. शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं: लंबे समय तक मोबाइल स्क्रीन पर देखने से बच्चों की आंखों में तनाव और नींद की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसके अलावा, एक ही जगह पर बैठकर घंटों बिताने से शारीरिक गतिविधियों की कमी हो जाती है, जिससे मोटापे और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ता है।
3. अकादमिक प्रदर्शन में कमी: सोशल मीडिया पर समय बिताने के कारण बच्चे अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैं। इससे उनके अकादमिक प्रदर्शन में गिरावट आ सकती है.
ऑस्ट्रेलिया की सरकार नई कानूनी पहल,
ऑस्ट्रेलिया की सरकार द्वारा प्रस्तावित इस नए कानून के अनुसार, 16 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया का उपयोग करने की अनुमति नहीं होगी। सरकार इस साल के अंत तक इस कानून को लागू करने की योजना बना रही है। यह कदम न केवल बच्चों की सुरक्षा के लिए है बल्कि यह डिजिटल दुनिया में उम्र संबंधी प्रतिबंध लगाने वाले देशों की सूची में ऑस्ट्रेलिया को शामिल करेगा।